आनंदपुरी स्थित जैन मंदिर में आचार्य पुष्पदंत सागर जी का दीक्षा दिवस कार्यक्रम आयोजित हुआ इस दौरान आचार्य पुष्पदंत सागर महाराज ने बताया कि मनुष्य जीवन की सबसे बड़ी पूंजी अच्छे विचार अच्छे संस्कार और अच्छा स्वभाव जिंदगी में सब कुछ हो पर संयम ना हो दीक्षा की शिक्षा ना हो तो जीवन में सब बेकार है जैसे गाड़ी में सब कुछ हो पर ब्रेक ना हो तो गाड़ी बेकार है दीक्षा के पहले चार रिश्तेदार होते हैं और दीक्षा के बाद 83 लाख योनियों के जीव हमारे रिश्तेदार बन जाते हैं चींटी फूल पशु पक्षियों से प्रेम सद्भाव ही दीक्षा है जीवन में महाव्रत ना सही अणुव्रत तो ग्रहण करें घर का त्याग ना सही रात्रि भोजन तो त्याग करें अष्टमी चतुर्दशी को ब्रह्मचर्य का पालन तो करें बाजार और होटल का भोजन तो छोड़े पानी छानकर पियें यह छोटी-छोटी त्याग की पगडंडीया है अणुव्रत की पगडंडियों पर चल कर ही महाव्रत के राजपथ पर पहुंचा जा सकता है इस दौरान मुख्य रूप से डॉ अनूप जैन महेंद्र कटारिया प्रदीप संजीव जैन नेताजी अनूप जैन अमित जैन त्रिभुवन जैन सौरभ जैन रवि जैन उपेन्द्र संजय अजय जैन मौजूद रहे।
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