वह गुरु ही क्या जो भक्तों को उपासना पद्धति ना सिखाएं।
किदवई नगर स्थित स्वामी श्री पदमनाथ मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में डॉ संजय कृष्ण सलिल जी के मुखारविंद से कथा के चौथे दिन श्रीमद् भागवत जी की स्तुति से कथा प्रारंभ हुई कथा मनु जी के चरित्र का वर्णन करते हुए उनकी तीन कन्याओं व दो पुत्रों की कही गई डॉ सलिल जी ने कहा कि हमें किसी का भी अमंगल नहीं मंगल ही मंगल सोचना चाहिए भक्ति में प्रपंच मत करिए पूजा छुपकर होती है दिखावा से नहीं झोली माला का विधान है अपने भवन या कुटिया में छुपकर माला जाप करना चाहिए वह गुरु ही क्या जो भक्तों को उपासना पद्धति ना सिखाएं सलिल जी के द्वारा कथा में प्रभु जी के जन्म का वृतांत बताते हुए माखन चोरी की लीला गौ लीला का वर्णन किया इसमें माताओं ने नृत्य गान करते हुए प्रभु की नजर उतारी इस मौके पर मुख्य रूप से श्रीराम किशन अग्रवाल सुशील मल्होत्रा पार्षद प्रमोद जायसवाल व्यवस्थापक विपुल त्रिवेदी बृजेश मिश्रा सुजीत शर्मा संजू यादव हेमा अर्चना गोयल रेखा गुप्ता स्वेता बंसल कल्पना पांडे मधु मिश्रा अलका अनामिका दीक्षित सहित सैकड़ों मातृशक्ति उपस्थित रही।
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