कानपुर के बिधनू थाना क्षेत्र में दबंग खनन माफिया दीपक चंदेल का कब्जा वन विभाग और ग्राम सभा की जमीनों को तालाबों में कर दिया तब्दील पुलिस और खनन अधिकारियों के चलते सैकड़ों बीघा ग्राम समाज की जमीनों को तालाबों में तब्दील कर दिया गया है यह कार्य लगभग कई वर्षों से लगातार जारी है अधिकारी को सूचना देने के बाद भी अधिकारी अपनी आंखें बंद कर बैठे रहते हैं
कानपुर शासन प्रशासन की सख्ती पर खनन माफियाओं की मनमानी भारी पड़ रही है। खनन पर रोक लगाने की तैयारी के बाद भी अभी तक जिले में अवैध खनन पर रोक नहीं लग पा रहा है। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में लगातार अवैध रूप से खनन किया जा रहा है। मामले पुलिस की पकड़ में आ रहे है। लेकिन खनन माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होने से जिले मे अवैध खनन का दौर जारी है।
प्रशासन की सख्ती पर खनन माफियाओं की मनमानी भारी होने से पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहा है। जिले के बिधनू ,बर्रा क्षेत्र के कई गांव में लगातार अवैध खनन हो रहा है। निगरानी के बाद भी खनन पर रोक नहीं लग पा रहा है। जब ज्यादा दबाव या खबर प्रकाशित होती है तो केवल कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति करके मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है पुलिसिया कार्यशैली पर लगातार सवाल उठने लगा है।
सवाल यह है कि अगर पुलिस सख्त होती और कड़ी निगरानी होती तो अवैध रूप से धडल्ले से अवैध खनन नहीं होता। जिला पुलिस की विशेष टीम अब तक दो बार अवैध खनन करने वालों वाहनों की धड़ पकड़ कर चुकी है। पुलिस की एक विंग द्वारा अवैध खनन का खुलासा करने से अब पुलिसिया मिली भगत की चर्चाएं भी होने लगी है।
रोक के बाद भी जिले के कई हिस्सों में धडल्ले से अवैध खनन किया जा रहा है। अभी तक घाटों की नीलामी नहीं होने से अवैध रूप से खनन कर मिट्टी को उंचे दाम पर बेंचा जा रहा है। कई जगहों पर लोगों की जरूरत के आधार पर इसकी कालाबाजारी भी की जा रही है। अभी तक दो से चार हजार रूपए में मिलने वाला मिट्टी मौजूदा समय में आठ से दस हजार रूपए प्रति ट्राली की दर से मिल रहा है। जिसके चलते कई सरकारी भवनों के साथ लोगों ने अपने घरों का निर्माण कार्य ठप करा दिया है।
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