शास्त्रों में भगवान विश्वकर्मा को सृजन और निर्माण का देवता माना गया है। माना जाता है भगवान विश्वकर्मा ने कृष्ण की द्वारिकापुरी, पुष्पक विमान, इंद्र का वज्र, शिव का त्रिशूल, पांडवों की इन्द्रपस्थ नगरी का निर्माण किया था। इसलिये किसी निर्माण और सृजन से जुड़े लोग श्रद्धाभाव से भगवान विश्वकर्मा को आराध्य मानकर पूजन-अर्चन करते हैं।विश्वकर्मा के यथाविधि पूजन करने से घर और दुकान में सुख-समृद्धि आती है। इस दिन अपने कामकाज में उपयोग में आने वाली मशीनों को साफ करें। फिर स्नान करके भगवान विष्णु के साथ विश्वकर्माजी की प्रतिमा की विधिवत पूजा करनी चाहिए। ऋतुफल, मिष्ठान्न, पंचमेवा, पंचामृत का भोग लगाएं। दीप-धूप आदि जलाकर दोनों देवताओं की आरती उतारी जाती है ।
Thursday, September 17, 2020
आदि शिल्पी भगवान विश्वकर्मा की जयंती गुरुवार को श्रद्धा, उल्लास से मनाई गई
आदि शिल्पी भगवान विश्वकर्मा की जयंती गुरुवार को श्रद्धा, उल्लास से मनाई गई
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September 17, 2020
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