ब्यूरो रिपोर्ट
फतेहपुर। तीन तलाक का कानून आज भी कोई मायने नही रखता है। जब जी चाहे तलाक तलाक तलाक बोलो और रचा लो दूसरी शादी और पत्नी को अल्लाह की मर्जी पर छोडकर नई बेगम के साथ खूब उडाओ गुलछर्रे। देश व प्रदेश में कथित तौर पर कड़े निर्देशों के बावजूद भी मुस्लिम महिलाओं के ऊपर हो रहे अत्याचार कम होने का नाम ही नहीं ले रहे है। नए कानून के तहत कोई भी मुस्लिम समाज का व्यक्ति अपनी पत्नी को घर में तीन तलाक नहीं दे सकता है। फिर भी कानून को धता बताकर महिलाओं को घर में तीन तलाक देते हुए दूसरी शादी बड़े आराम लोग से कर रहे हैं। बताते चले कि जहानाबाद कस्बा के नेवाती टोला दारागंज के संजीदा उर्फ अलशिफा पुत्री गुलामुल का है। संजीदा ने बताया कि उसकी शादी 10 वर्ष पूर्व फतेहपुर जिले के कोतवाली बिन्दकी के अंतर्गत आने वाला गांव जिगनी में नौशाद अहमद पुत्र ख्वाजा के साथ हुई थी। शादी के बाद से ही ससुराली जनों ने दहेज को लेकर आए दिन प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था। शादी के करीब डेढ़ वर्ष के बाद पति ने दहेज में रुपए की मांग करते हुए मारपीट कर घर से बाहर निकाल दिया था। तब अपने पिता के घर आ गई और कुछ दिनों के बाद भरण पोषण के लिए न्यायालय में मुकदमा पंजीकृत कर दिया जो मुकदमा विचाराधीन चल रहा है।
संजीदा ने बताया कि उसका पति 13 अगस्त को अपने दोस्त के साथ मेरे घर पर आया और बोला कि अतिरिक्त दहेज में रुपए पैसे दिलाओ नहीं तो हम तुम्हें तलाक बोल देंगे। पीड़ित महिला ने बताया कि मेरे अब्बू के पास इतने रुपए नहीं है की आपको रुपए दे सकें। इतना सुनते ही गाली गलौज करते हुए नौशाद अहमद ने तीन बार तलाक तलाक बोल दिया और 19 अगस्त को थाना जहानाबाद के अंतर्गत आने वाले ग्राम कलाना में खुशनुमा पुत्री जहूर मंसूरी के साथ निकाह कर लिया। अब नई बेगम के साथ गुलछर्रे उडा रहा है। जब इसकी जानकारी मिली तो थाना जहानाबाद में लिखित तहरीर दिया। थाना प्रभारी निरीक्षक संतोष कुमार शर्मा ने बताया कि तहरीर मिली है जांच की जा रही है दोषी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
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