फाइल फोटो- शिवराम त्रिपाठी
कानपुर। कोरोना काल में किसी परिवार में मौत होना भी बड़ी तकलीफ देने वाली घटना साबित हो रही है। बुधवार शाम को रायपुरवा थाना क्षेत्र के एक बुजुर्ग शिवराम त्रिपाठी की तबियत गुर्दे की बीमारी के चलते खराब हो गई। परिजनों ने कई निजी अस्पतालों में दिखाया मगर सभी ने कोरोना के चलते भर्ती करने से मना कर दिया। अंत मे परिजन उर्सला अस्पताल ले गए जहां स्टाफ के द्वारा जानकारी दी गई कि पहले इनकी कोरोना रिपोर्ट दिखाइए तभी हम मरीज को भर्ती करेंगे। काफी विनती करने के बाद मरीज को भर्ती कर लिया गया। जहां गुरुवार दोपहर बुजुर्ग की मौत हो गई। रायपुरवा निवासी मृतक के भतीजे अंकित तिवारी के अनुसार डायलिसिस नहीं होने से मौत हुई है। जिस भी अस्पताल में डायलिसिस के लिए ले जाते थे। वहां कोविद-19 की जांच रिपोर्ट मांगी जा रही थी। उर्सला में मंगलवार रात 8:00 बजे भर्ती कराया था जहां बुधवार को मौत के आधे घंटे पहले सैंपल लिया गया था। पूरे 18 घंटे तक किसी भी प्रकार का कोई इलाज नहीं किया गया।
कानपुर। कोरोना काल में किसी परिवार में मौत होना भी बड़ी तकलीफ देने वाली घटना साबित हो रही है। बुधवार शाम को रायपुरवा थाना क्षेत्र के एक बुजुर्ग शिवराम त्रिपाठी की तबियत गुर्दे की बीमारी के चलते खराब हो गई। परिजनों ने कई निजी अस्पतालों में दिखाया मगर सभी ने कोरोना के चलते भर्ती करने से मना कर दिया। अंत मे परिजन उर्सला अस्पताल ले गए जहां स्टाफ के द्वारा जानकारी दी गई कि पहले इनकी कोरोना रिपोर्ट दिखाइए तभी हम मरीज को भर्ती करेंगे। काफी विनती करने के बाद मरीज को भर्ती कर लिया गया। जहां गुरुवार दोपहर बुजुर्ग की मौत हो गई। रायपुरवा निवासी मृतक के भतीजे अंकित तिवारी के अनुसार डायलिसिस नहीं होने से मौत हुई है। जिस भी अस्पताल में डायलिसिस के लिए ले जाते थे। वहां कोविद-19 की जांच रिपोर्ट मांगी जा रही थी। उर्सला में मंगलवार रात 8:00 बजे भर्ती कराया था जहां बुधवार को मौत के आधे घंटे पहले सैंपल लिया गया था। पूरे 18 घंटे तक किसी भी प्रकार का कोई इलाज नहीं किया गया।
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