रिपोर्ट- शिवम सविता
शहर के सिविल लाइन्स स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान में आचार्य विनोबा भावे की 124वीं जयंती का शुभारम्भ किया गया। कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए आरएलडी नगर अध्यक्ष मो उस्मान ने बताया कि विनोवा जी के चित्र पर माल्यापर्ण कर संगोष्ठी में आये वक्ताओं ने आचार्य विनोवा भावे के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुये कहा कि, महात्मा गांधी का पहला सत्याग्रह विनोवा थे। भारत की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक चेतना के सच्चे दूत थे। विनोवा भारत की साधारण जनता का मनोविज्ञान बड़े अच्छे से जानते थे। इसलिये उन्होने जनसभा जमीन से वंचित किसानो के लिये भूदान आन्दोलन की शुरूआत की तेलंगाना से शुरू की थी। आन्दोलन पूरे भारत की मानवीय दान की परम्परा कर सर्वश्रेष्ठ उदाहरण साबित हुआ। हजारो एकड़ जमीन विनोबा के कहने पर देश के जमीनदारो नामचीन लोगो ने दान मे दी थी। विनोबा हमेशा सभी धर्मों के समनवय के पक्ष में खड़े होते थे। विद्धान अध्यात्क के बल पर भारत विश्व में गौरवशाली स्थान बना सकता है। आरएलडी नगर अध्यक्ष मो उस्मान जब तक देश में आचार्यों का सम्मान और त्याग सेवा की परम्परा नहीं बकरार रही तो स्वाधीन भारत का सपना साकार नहीं होगा। इस वर्ष से विनोबा जी की 125वीं जयंती पूरे देश में जायेगी। कानपुर में हम एक स्वागत समिति का गठन करेगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कैलाश नाथ त्रिपाठी ने की संचालन जगदम्बा भाई ने किया कार्यक्रम में प्रमुख रूप से आरएलडी नगर अध्यक्ष मो उस्मान, दीपक, सुरेश गुप्ता, श्याम देवसिंह मदन भाटिया, विन्दा भाई, कमलकान्त तिवारी, अनिल सोनकर मो0 उस्मान, भारतेन्दु पुरी, नसीम रजा, डी0डी0 पाल, डॉ नीलम त्रिवेदी, विशाल त्रिपाठी आदि ने अपने विचार रखे।
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