रिपोर्ट- शिवम सविता
कानपुर के डीएवी कॉलेज के तत्वाधान में प्राचार्य डॉ अमित कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में सभागार में रसायन विभाग द्वारा फूड केमेस्ट्री प्रोसेस्ड फूड और टॉक्सिकोलॉजी जैसे गंभीर विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए। कार्यक्रम आयोजक सचिव डॉ राजुल सक्सेना ने बताया कि कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्वलित एवं मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ आरंभ हुआ।स्वागत भाषण प्राचार्य डॉ अमित कुमार श्रीवास्तव ने आए हुए अतिथियों का अभिनंदन करते हुए कहा कि आज के बदलते परिवेश मेंरोजमर्रा के प्रयोग में किए जाने वाले उत्पादों में मिलावट के कितने रुप हो सकते हैं। या जानकर हैरानी होती है। और यह स्वच्छ भारत मिशन के लिए बाधा है। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए डॉ डीपी राव ने कहा कि कानून किसी भी वस्तु के प्राकृतिक तथा अनुमोदित रुप में फेरबदल करना मिलावट की दायरे में आता है। मीलावती सामग्रीयों में सबसे ज्यादा खतरनाक रासायनिक पदार्थ है। कुलपति प्रो आर के पी सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा कि मिलावट पर बने कानूनों का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ता को धोखाधड़ी और ठगी से बचाते हुए खाद्य पदार्थो की शुद्धता और समग्रता सुनिश्चित करना है खाद्य पदार्थों की साइंस पर आधारित मानक तैयार करने उद्देश से इस एक्ट के अंतर्गत वर्ष 2010 फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अॉथिरिटी अॉफ इंडिया का गठन किया गया। संयुक्त सचिव गौरवेंन्द स्वरुप ने कहा की जानकारी ही बचाव है को समझकर पदार्थों का चयनित उपयोग करके हम मिलावटी हानिकारक प्रभाव को कुछ हद तक कम कर सकते हैं। डॉ राजुल सक्सेना को इस महत्वपूर्ण विषय पर संगोष्ठी करने हेतु सभी ने आभार व्यक्त किया कार्यक्रम का संचालन अमर श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर रसायन विभाग के सभी शिक्षकगण, कर्मचारी, अन्य विभागों के शिक्षक, शिक्षिकाएं बड़ी तादाद में उपस्थित है।
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