रिपोर्ट- शिवम सविता
दयानंद गर्ल्स कॉलेज के सभागार में बीआईएफ सेंटर (डीबीटी )द्वारा सात दिवसीय कार्यशाला इवैल्यूएशन ऑफ बायोलॉजी थ्रू बायोइनफॉर्मेटिक्स का आरंभ किया गया ।कार्यक्रम के बारे में जानकारी हेतु हुए डॉअर्चना दीक्षित ने बताया कि इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता कुलपति छत्रपति साहूजी महाराज कानपुर यूनिवर्सिटी ,विशेष अतिथि कुमकुम स्वरूप आमंत्रित स्पीकर वैज्ञानिक डॉ बृजेश सिंह वैज्ञानिक एचबीटीयू, कॉलेज की प्राचार्य डॉ साधना सिंह तथा बीआईएफ सेंटर डीबीटी की समन्वयक डॉक्टर विजय लक्ष्मी सक्सेना मुख्य रूप से उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि नीलिमाम गुप्ता कुलपति विश्वविद्यालय ने दीप प्रज्वलन करके कार्यक्रम का आरंभ किया। मुख्य अतिथि नीलिमा गुप्ता ने बताया कि वर्तमान में विज्ञान में बहुत तरक्की कर ली है। पहले जिन लोगों से हजारों लोग मर जाते थे ,आज का इलाज संभव हो गया है ।आधुनिक तकनीकी की मदद से कैंसर अल्जाइमर पार्किंसन एड्स मधुमेह (डायबिटीज )दिल के रोग जैसे रोगों का इलाज संभव हो गया है तथा बायोइनफॉर्मेटिक्स का प्रयोग करके बहुत कम समय में नई दवा की खोज संभव है ।कार्यक्रम की अध्यक्षा प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता ने बताया की बायोइनफॉर्मेटिक्स ने जीव विज्ञान के क्षेत्र में शोध करने के तरीके को ही बदल दिया है। अब किसी भी शोध का प्रारंभ कंप्यूटर पर उपलब्ध डाटा बेस इसकी उपयुक्त सॉफ्टवेयर द्वारा तलाश एवं तुलना से होता है। किसी वैज्ञानिक द्वारा एक जीन के बेस अनुक्रम को प्राप्त कर लेने के पश्चात उसके किसी डेटाबेस पर पहले से विद्यमान किसी अनुक्रम से तुलना की जा सकती है। दोनों अनुक्रम में कितनी समानता है इस आधार पर नए जीन की कार्यशैली या उत्पत्ति पर प्रकाश डाला जा सकता है। विशेष अतिथि कुमकुम स्वरूप ने दयानंद संस्थान की तरफ से सभी का हार्दिक अभिनंदन एवं स्वागत किया। कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य डॉ साधना सिंह युवा छात्रों तथा अध्यापक हो नई शोध करने को प्रेरित किया तथा सभी का धन्यवाद प्रकट किया और कार्यक्रम का संचालन डॉ अलका श्रीवास्तव ने किया एवं कार्यशाला में अंकिता सेठिया, डॉ अर्चना दीक्षित, मिथुन कुमार पटेल ,मोहित कश्यप तथा अंजली कटियार आदि लोग मौजूद रहे।
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