हिन्दुस्तान में क्रिकेट मैच देखने आये पाकिस्तान के मोहम्मद वकास का वीजा और पासपोर्ट खो गया था। जिसके बाद वह लापता हो गया और पुलिस ने उसे धर दबोचा। इसके बाद कोर्ट ने उसे 10 वर्ष की सजा सुना दिया। जो मंगलवार को पूरी हो गयी सजा पूरी होने के बाद जेलर ने उसको एलआईयू और पुलिस को सुपुर्द कर दिया। अब एलआईयू उसे दिल्ली ले जाएगी जहां पर उसकी पाकिस्तान की नागरिकता का सत्यापन होगा। जिसके बाद उसे लाहौर भेज दिया जाएगा।
पाकिस्तान का रहने वाला मोहम्मद वकास साल 2005 में पांच दिन के लिए कानपुर में भारत-पाकिस्तान का क्रिकेट मैच देखने आया था। इसी दौरान होटल से उसका पासपोर्ट और वीजा चोरी हो गया। जिसके बाद वह मुंबई भाग गया और मछली का कारोबार करने लगा। यहीं पर औरेया के एक व्यक्त्ति से उसकी दोस्ती हो गयी और उसकी बेटी से निकाह भी कर लिया और औरेया आने-जाने लगा। इस बात की भनक कानपुर पुलिस को लग गयी और औरेया आते समय साल 2009 में बिठूर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसके खिलाफ शासकीय गोपनीयता भंग करने और विदेशी अधिनियम एक्ट समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके बाद न्यायालय में मुकदमे की सुनवाई हुई और उसे दस साल कारावास की सजा सुनाई गई थी। तब से लेकर वह जेल में था और 12 मार्च 2019 को उसकी सजा पूरी होने पर दोपहर बाद जेल से उसे रिहा कर दिया गया।
जेल अधीक्षक :
जेल अधीक्षक आशीष तिवारी ने बताया कि मोहम्मद वकास की सजा पूरी हो गई थी। इसलिए उसे रिहा कर दिया है और वह पुलिस और एलआईयू की देखरेख में है। एलआईयू की टीम उसे दिल्ली ले जाएगी जहां पर पाकिस्तान दूतावास में उसकी पाकिस्तान की नागरिकता का सत्यापन होगा। इसके बाद भारत सरकार उसे कानूनी प्रक्रिया के तहत ही पाकिस्तान भेज देगी।
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