फतेहपुर। फतेहपुर के सठीगंवा गांव निवासी किसान राजू पांडेय के बेटे बीएसएफ जवान विजय पांडेय आतंकी हमले में शहीद हो गए। घटना की खबर मिलते ही सठीगंवा गांव गम में डूब गया। शहीद विजय कुमार पांडेय की शादी 20 जून को होने वाली थी, 15 जून को उनका तिलक था लेकिन अचानक इस घटना की सूचना पर गांव में कोहराम मच गया। रविवार को अखनूर सेक्टर के पास स्थित इंटरनेशनल बार्डर पर पाक रेंजर्स ने फायरिंग की जिसमें दो जवान शहीद हुए थे। शहीद विजय पांडेय को अंतिम विदाई देने के लिए लाखों लोग नम आंखों से विदाई देने पहुँचे। हालाकि पूरे गांव को अपने लाल की शहादत पर गर्व है। कुछ दिन पहले जब विजय के पिता ने उससे बात की थी तो उन्होंने बोला था कि बेटा जल्दी घर आ जाना, कार्ड भी बांटने है और बांकी तैयारियां भी करनी हैं। इस पर विजय ने कहा था कि सब ठीक हो जाएगा।
विजय की ममेरी बहन ज्योति शुक्ला ने बताया कि 15 जून को विजय पांडेय का तिलक था और 20 जून को उसकी शादी थी इस घटना से पूरे घर का रो-रो कर बुरा हाल है। हमारा घर तो टूट गया है। हमें अपने भाई का बदला चाहिए कहां है प्रधानमंत्री जी का 56 इंच का सीना जहां देश के जवान रोज शहीद हो रहे हैं, ऐसे पाकिस्तान के ऊपर कोई कार्यवाही क्यों नहीं करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा था कि रमजान के महीने में कोई फायरिंग नहीं होगी अगर फायरिंग नहीं हुई तो यह जवान कैसे शहीद हो गए शहीद जवान विजय पांडेय को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। जिसमें सैकड़ों कानपुर वासी भी शहीद के अंतिम दर्शन करने को पहुंचे। जिसमें लाखों लोगों ने नम आखो के साथ कहां। जब तक सूरज चांद रहेगा विजय पांडे का नाम रहेगा। विजय पांडे की कुर्बानी याद करेगा हर हिंदुस्तानी।
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