कानपुर 8 अप्रैल 2018 (विशाल तिवारी) सूबे के मुखिया और पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह यूपी पुलिस को हाईटेक बनाने के सपने देख रहे हैं, लेकिन विगत दिनों पूर्व जूही में पत्रकार पप्पू यादव के घर हुई चोरी का खुलासा करने में जूही पुलिस फेल साबित होती नजर आ रही है। खुलासा करना तो दूर की बात रही अभी तक पुलिस को इस मामले में से जुड़ा कोई भी सुराग हाथ नहीं लगा है। जिस कारण पुलिस खाक छानती नजर आ रही है। इसी मामले से पुलिस के हाईटेक होने का अंदाजा लगाया जा सकता है।
कानपुर के जूही थाना क्षेत्र निवासी पत्रकार पप्पू यादव के घर विगत 26 मार्च को बगल के मकान से दाखिल हुए चोरों ने करीब 50 हजार से ज्यादा की चोरी को अंजाम दे दिया था। शातिर चोरों ने पत्रकार के घर के अंदर रखा लोहे का बक्सा पार कर दिया था। जिसमे 25 हजार रुपये और सोने व चांदी के जेवरात शामिल थे। पत्रकार के द्वारा 100 नंबर सूचना पर खाली हाँथ पहुँची पुलिस ने थाने पर आकर लिखित शिकायत देने की बात बोलकर मामले को ठन्डे बस्ते में डाल दिया था। साथी पत्रकारों के द्वारा मुख्यमंत्री व डीजीपी को ट्वीट करने के बाद हरकत में आयी जूही पुलिस ने घटना स्थल पर फॉरेंसिक टीम को जाँच के लिये भेजा था। देर शाम पत्रकार के घर के पीछे तालाब से पुलिस को खाली बक्शा भी बरामद भी मिल गया था, लेकिन पुलिस 11 दिन बीतने के बाद भी अभी तक इस मामले का खुलासा नहीं कर पायी है। पुलिस ने पत्रकार के घर हुई चोरी के मामले की छानबीन करना जरुरी नहीं समझा और मामले को ठन्डे बस्ते में डाल दिया।
पप्पू यादव ने बताया की मौके पर पहुँची पुलिस ने उनसे शक के आधार पर कुछ नाम पूँछे थे। बाद में उन लोगों को थाने पर बुलाकर पूँछताछ करने के बाद छोड़ दिया गया था। पत्रकार का आरोप है वे लोग दुश्मनी मानते हुए पत्रकार के घर जाकर गन्दी-गन्दी गलियां देते हुए फर्जी मुकदमों में फ़साने की धमकी देने लगे। पत्रकार पप्पू यादव ने बताया की अगर उनके ऊपर कोई भी फर्जी मुकदमा लिखा गया तो उसके जिम्मेदार वे लोग होंगे, जिनका उन्होंने शक के आधार पर नाम दिया था।
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