कानपुर देहात 7 अप्रैल 2018 (अमित राजपूत) माती न्यायलय के अधिवक्ताओं ने सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर अकबरपुर टोल प्लाजा पर अवैध वसूली करने का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
जिलाधिकारी को दिए गए ज्ञापन में लिखित बिंदु कुछ इस प्रकार हैं।
1:- यह कि कानपुर देहात उल्लिखित पता उपरोक्त स्थित बारा जोड़ टोल प्लाजा गलत जगह पर भ्रामक स्थिति उत्पन्न कर अवैध वसूली करने की नियत से स्थापित किया गया है। जहाँ से दो राष्ट्रीय राजमार्ग का अवैध ढंग से शुल्क वसूला जाता है।
2:- यह कि इस उपरोक्त टोल से गुजरने पर एन एच (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2) की रसीद दी जाती है जबकि इसके नजदीक जो माइल स्टोन लगे है। उनमें एन एच 19 उल्लिखित है। इस लिए यह स्पष्ट नही है कि यह टोल संग्रहण प्लाजा किस राष्ट्रीय राजमार्ग के टोल संग्रहन के लिए अधिकृत है।
3:- यह कि नियमतः 70 किमी चलने पर या प्रति किलोमीटर की दर से टोल शुल्क वसूली का प्रावधान है किन्तु इस टोल पर लगभग एक डेढ़ किलोमीटर पूर्व स्थित कालपी जालौन की तरफ से एन एच 25 (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 25) से वाहन प्रवेश करते है और कुछ किलोमीटर और रनिया, रनिया औद्योगिक क्षेत्र या आसपास के गांवों में आना जाना होता है तब भी इस टोल संग्रहण प्लाजा में जबरियाँ छल कपट से भारी टोल अवैध रूप से वसूला जाता है।
4:- यह कि 90 प्रतिशत से अधिक वाहन कानपुर इलाहाबाद बाईपास, कानपुर लखनऊ बाईपास पुल का प्रयोग नही करते हैं, बावजूद इसके उपरोक्त टोल संग्रहण प्लाजा में इस पुल का भी शुल्क अवैध रूप से छल कपट कर सामान्य व वाणिज्यिक वाहन चालकों से वसूला जाता है।
5:- यह कि उपरोक्त टोल संग्रहण का अधिकांश क्षेत्र बेहद असुरक्षित है इस मार्ग में अक्सर आवारा जानवर जहाँ बीच मार्ग घुमा करते है। वही मार्ग के बाहर की तरफ की सीमाओं को जानवरों की आवाजाही रोकने हेतु तार या अन्य बाड़ से सुरक्षित नही किया गया है। जिससे जानवरो के अचानक मार्ग में आ जाने से आये दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं।
6:- यह कि कानपुर देहात स्थित इस टोल संग्रहण से गुजर कर इसी जनपद के काफ़ी भारी संख्या के मूल निवासी जनपद कानपुर नगर में भी जीविकोपार्जन या शिक्षा आदि प्रयोजन से आवासित है और उन्हें जनपद कानपुर देहात में भी नियमित आना जाना पड़ता है। ऐसे उनके वाहन कानपुर नगर सम्भागीय परिवहन कार्यालय में यू पी 78 पंजीयन सीरीज में पंजीकृत होने की की दशा में इस टोल संग्रहण प्लाजा की अवैध वसूली का शिकार होना पड़ता है।
7:- यह कि जनपद कानपुर नगर की सीमा इस टोल से कई स्थान पर पन्द्रह बीस किमी के आस-पास लगी होने पर उनके द्वारा ही नही बल्कि जनपद कानपुर देहात के आस पास के निवासियों को कुछ दूरी के सफर में भी इस अवैध टोल वसूली का शिकार होना पड़ता है।
8:- यह कि शासन व माननीय उच्चतम व उच्च न्यायालय की सस्ता व सुलभ न्याय वादकारियों को दिलाने की मंशा से जनपद कानपुर देहात के माती गाँव के पास जनपद न्यायलय की स्थापना की गई है। जहाँ जनपद कानपुर नगर व देहात के वादकारियों व अधिवक्ताओ न्यायिक कर्मचारियों को इस अवैध टोल वसूली का शिकार होना पड़ता है।
9:- यह कि इस टोल प्लाजा संग्रहण क्षेत्र से गुजरने वाले मार्ग में समुचित व्यवस्था के साथ एम्बुलेंस, शौचालय, कैण्टीन, मार्ग प्रकाश, दुर्घटनाग्रस्त मृत जानवरो को त्वरित हटाने, क्षति ग्रस्त या रास्ते मे खराब वाहनों को हटाने आदि आवश्यक सेवा शर्त युक्त सुविधाओं का घोर आभाव है।
10:- यह कि इस प्रश्नगत टोल संग्रहण प्लाजा में जबरियाँ अवैध टोल वसूली हेतु भारी संख्या में लठैतों को रखा गया है, किन्तु संग्रहण सीमा क्षेत्र में मार्ग सरेराह अवैध रूप से खड़े होने वाले वाहनों को हटाने की व अवैध कट बना कर निकले वाले वाहनों को रोकने की कोई व्यवस्था नही की गई है। जिससे मार्ग दुर्घटनायें आये दिन होती रहती है।
11:- यह कि इस भारी अवैध टोल वसूली से जनपद कानपुर देहात ही नही बल्कि नगर का आद्योगिक, कृषि व शिक्षा आदि के क्षेत्र का विकास न सिर्फ प्रभावित हो रहा है बल्कि पूर्व स्थापित उद्योग पलायनोन्मुख है। जिससे बेरोजगारी की भी भीषण समस्या उपन्न हो रही है।
12:- यह कि टोल प्लाजा उपरोक्त में नए वित्तीय वर्ष के लिए शुल्क बढोत्तरी अवैध् व कूट रचित आधार पर की है। बढोत्तरी का वैधानिक आधार नही बताया जा रहा है।
ज्ञापन देने वालो में प्रमुख रूप से जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष भारत सिंह यादव, वर्तमान अध्यक्ष रवीन्द्र नाथ मिश्रा,महामन्त्री मुलायम सिंह यादव,एकिकृत बार महामंत्री शशिभूषण सिंह चौहान पूर्व अध्यक्ष राधेश्याम कटियार, पूर्व उपाध्यक्ष रामदेव सिंह,पूर्व मंत्री अरविन्द यादव, वरिस्ठ अधिवक्ता संजय सिंह सिसोदिया,सिकन्दरा तहसील सिविल बार सामाजिक प्रकोष्ठ अध्यक्ष जनमेजय सिंह,दीपक यादव, सर्वेन्द्र यादव,उमेश सिंह राजावत,अरविन्द सिंह कुशवाहा आदि अधिवक्ता व पदाधिकारी व इण्डियन इंडस्ट्रीज कानपुर देहात के पूर्व चेयरमैन हरदीप राखरा, प्रधान संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुखवीर सिंह चन्देल, सरवनखेड़ा प्रधान संघ उपाध्यक्ष योगेन्द्र प्रताप सिंह चौहान, विष्णु गुप्ता आदि मौजूद रहे।
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