कानपुर देहात 16 अप्रैल 2018 (अमित राजपूत) प्राथमिक शिक्षा एक ऐसा आधार है, जिस पर देश तथा इसके प्रत्येक नागरिक का विकास निर्भर करता है। और शिक्षा के द्वारा ही हम देश में उन्नति कर जीवन को समृद्धशाली बना सकते हैं। यह बात घनारामपुर सरवनखेड़ा प्राथमिक विद्यालय में स्वच्छता जागरूकता एवं स्कूल चलो अभियान रैली को हरी झण्डी दिखाते हुए बतौर मुख्य अतिथि पहुँचे सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेन्द्र प्रताप सिंह चौहान ने कही। जितेन्द्र चौहान ने कहा कि भारत में चौदह साल की उम्र तक के सभी बच्चों को निःशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना संवैधानिक प्रतिबद्धता है। सर्व शिक्षा अभियान, जीवन कौशल सहित गुणवत्ता युक्त प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करता है। जितेन्द्र चौहान ने बताया कि सर्व शिक्षा अभियान द्वारा लड़कियों और विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया जाता है। सर्व शिक्षा अभियान, डिजिटल अंतराल को ख़त्म करने के लिए कंप्यूटर शिक्षा भी प्रदान करने का प्रयास करता है। बच्चों की उपस्थिति कम होने के चलते मध्याह्न भोजन की शुरूआत की गई।
जितेन्द्र चौहान ने कहा कि भारत में आधारभूत शिक्षा की गुणवत्ता फिलहाल एक चिंता का विषय है। कहा कि भारत को विश्व गुरु बनाने के प्रयास में सरकार ने कई नये कदम उठाये, हैं जो सराहनीय हैं। पर जब तक भारत के युवाओं को मात्र डिग्री प्रदान करने के लिए शिक्षा दी जाएगी, तब तक उसका विश्व गुरू बनाना मुश्किल है। हम साक्षरता दर तो बढ़ा सकते हैं, परंतु शिक्षा की गुणवत्ता को कैसे बढ़ाया जाए। यह सबसे बड़ा सवाल है। वर्तमान की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है। भारत में करोड़ों युवा बेरोजगार हैं। उन्हें स्नातक, परास्नातक मजदूर बनाने से बेहतर है। रोजगारपरक प्रारम्भिक शिक्षा प्रदान की जाएं। जितेन्द्र चौहान ने सरकार से आवाहन करते हुये कहा कि प्रारम्भिक शिक्षा में रोजगार परक प्रशिक्षुता की पहल की जाये। इस अवसर पर जितेन्द्र चौहान ने शिक्षकों से आवाहन किया कि वह बच्चों को संस्कारी शिक्षा दें क्यो कि कोई अभिभावक अपने बच्चों को उस विद्यालय में भी नहीं भेजेगा। जहाँ जीवन मूल्य और सही संस्कार नहीं दिए जाते।
स्वच्छता जागरूकता पर बल देते हुए जितेन्द्र चौहान व विद्यालय के प्रधानाध्यापक देवेन्द्र सिंह ने कहा कि सभी आयामों से हमारे जीवन में स्वच्छता बहुत महत्वपूर्ण है, हमें पूरे जीवनभर इसका ध्यान रखना चाहिए। स्वच्छता की शुरुआत सबसे पहले हमारे घर और स्कूल से छोटी आयु से ही शुरु हो जानी चाहियें कहा कि हम ताजगी और स्वच्छता को प्राप्त करने के लिए अपने दातों, कपड़ों, शरीर, बालों को दैनिक आधार पर साफ करते हैं। जितेन्द्र चौहान ने विद्यालय की भोजन व्यवस्था में लगे शिक्षकों को देख कहा कि सरकार को चाहिए। मध्यान भोजन व्यवस्था को शिक्षकों से हटा कर स्वयंसेवी संस्थाओं को देना वर्तमान में इस लिए आवश्यक है क्योंकि इससे शिक्षण कार्य बाधित होता है।
इस अवसर पर प्रधानाध्यापक देवेन्द्र सिंह, सहायक अध्यापिका दीप्ति कुशवाहा, प्रधानपति छिद्दन, प्रबन्धन समिति अध्यक्ष भूरालाल, रामबहादुर कमल, विजय बहादुर सिंह चौहान एवं ग्रामवासी मौजूद रहे।
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